अमरावती.
मानसून दाखिल होने के साथ ही किसानों ने बुआई की तैयारियां शुरू कर दी है
लेकिन बैंकों से समय पर कर्ज नहीं मिलने और पुराने कर्ज का भुगतान नहीं कर
पाने के चलते किसान सोना गिरवी रख रहे हैं. जिससे विदर्भ में पिछले एक
सताह में करोड़ों का गोल्ड लोन उठाया जा चुका है. हालांकि पिछले वर्ष की
तुलना में सोने के भाव गिरने के कारण गोल्ड लोन पर 20 फीसदी घाटा उठाना
पड़ रहा है लेकिन दूसरा कोई चारा नहीं रहने से किसान विवश हैं. पिछले वर्ष
जून 2012 में सोने के भाव 30000 रुपये थे जबकि वर्तमान में 27990 रुपये
प्रति 10 ग्राम भाव है.
बट्टा काटकर 75 फीसदी रकम
सोने के दाम में चढ़ाव-उतार का दौर शुरू रहने से विदर्भ के सभी जिला व
तहसील मुख्यालयों में सराफा दूकानों पर ग्राहकी मंदी है लेकिन सोना गिरवी
रखने वालों की भीड़ दिनों-दिन बढ़ती जा रही है. पश्चिम विदर्भ के अमरावती
अकोला बुलढाना यवतमाल वाशिम जिलों के साथ ही पूर्व विदर्भ के नागपुर
चंद्रपुर भंडारा गोंदिया वर्धा व गडचिरोली में सराफा दूकानों पर पिछले एक
सताह से गिरवी रखने वालों की संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है. अमरावती
में एक सराफा व्यापारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि बट्टा काटकर
वर्तमान दरों के अनुसार गिरवी पर 75 प्रतिशत गोल्ड लोन दिया जा रहा है. 1
लाख से कम गिरवी पर 3 प्रतिशत व 1 लाख से अधिक गिरवी पर पौने 2 टका याज के
हिसाब से यह गोल्ड लोन दिया जा रहा है. गिरवी की आवक देखते हुये सराफा की
एक दूकान पर एक दिन में 1 से 2 करोड़ रुपये भी कम पड़ रहे हैं.
शासन नहीं ले रही सुध
जिला मुख्यालय ही नहीं तो परतवाड़ा जैसे तहसील स्तरों पर भी यही हाल है.
इससे आंकलन लगाया जा सकता है कि विदर्भ में हजारों करोड़ों रुपये का गिरवी
रखा जा रहा है. इसमें निजी साहुकारों की हिस्सेदारी भी पकड़ ली जाए तो
किसानों की या गत हो रही है इसका अंदाजा सहज लगाया जा सकता है. राय का
खुफिया विभाग भी इससे अनजान नहीं है जिसकी भनक शासन को भी लग चुकी है. उसके
बाद भी बैंकों से फसल कर्ज सुलभ बनाने के लिये प्रयक्ष रूप से कोई पहल
नहीं की जा रही है केवल बैंक व राजस्व अधिकारियों के साथ बंद कमरे में
मीटिंग लेकर हजारों करोड़ के क्राफ्ट लोन का लक्ष्य सामने रखकर नियोजन के
नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है.
देश की नैया डूबी आडवााी-मोदी को पीएम की पड़ी
तिवारी ने कहा कि जहां एक ओर देश की नैया डूब रही है वहीं दूसरी ओर सबसे
बड़े विपक्षी दल भाजपा में प्रधानमंाी पद को लेकर लालकृष्ा आडवााी व
नरेंद्र मोदी में जंग छिड़ी है. किसानों को बैंक से कर्ज मिल रहा है या
नहीं. इस पर चर्चा करने की भी फुर्सत भाजपा को राष्ट्रीय कार्यकारिाी में
नहीं मिली.
लक्ष्य 498 करोड़ बांटे 264 करोड़
अमरावती जिला सहकारी बैंक ने इस वर्ष फसल कर्ज का लक्ष्य 498 करोड़ रखा है
जिसमें से 13 जून 2013 तक 37195 किसानों को कुल 264 करोड़ का फसल कर्ज जिला
बैंक वितरित कर चुकी है. प्रबंधक जेसी राठोड़ के अनुसार खरीफ व रबी के
लिये यह कर्ज बांटा गया है. अब लक्ष्य के अनुसार केवल 30 प्रतिशत कर्ज
बांटना शेष रह गया है.
किसानों की अनदेखी : तिवारी
विदर्भ जनांदोलन के अयक्ष किशोर तिवारी के अनुसार सरकार कीकठोर अनदेखी के कारण ही आज किसानों पर यह नौबत आई है कि वे अपने घर का श्रीधन गिरवी रखने
पर विवश हो रहे हैं. इस क्रम में केवल दो वर्षों में एक अकेले बुलढाना
क्रेडिट सोसायटी ने 2 टन का सोना गिरवी रखकर गोल्ड लोन दिया है. हालांकि
आरबीआई के नये नियमों के अनुसार क्रेडिट सोसायटी को गोल्ड लोन देने का
अधिकार नहीं है लेकिन बावजूद इसके नियमों का उल्लंान किया जा रहा है.
बुलढाना जिला सहकारी बैंक डूब चुकी है. नेशनल बैंकों व्दारा लक्ष्य के
अनुसार क्राफ्ट लोन नहीं दिया जा रहा. ऐसे में किसानों पर बुआई आदि के लिये
अब ले देकर सोना गिरवी रखने के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं बचा है. जबकि
किसानों को ार पहुंच फसल क़र्ज़ मिलने की केंद्रीय वित मंत्री चिदंबरम की घोषणा के बाद बैंक किसानों को अपने दरवाजे पर भी खड़ी नहीं कर रही है.
फिर भी सरकार कुंभकर्की नींद ले रही है.
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